Posts

Showing posts from 2019

Mai Tujhe Riha Kar Dunga | Desh Kumar |

तू एक मस्त मग्न सुनहरी चिड़िया थी जिसे आसमान की सातों तह के ऊपर उड़ने की चाह थी, और मैं एक ऐसा ज़ाहिल गवार शख़्स हूं जिसने तुझे पकड़ के पिंजरे में डाल दिया है, और उसपर मोहब्बत का ताला लगा दिया है, मैंने कितनी ही बार तुझे पिंजरे से उड़ने की धमकी दी है और हर बार मोहब्बत का डर दिखाकर तेरी बेबसी का मज़ा उठाया है, मैं जानता हूं कि तेरे पंख उड़ने को तरसते हैं तेरे सुनहरे आंसू पिंजरे में रोज़ बरसते हैं उन आंसुओं को देखकर मुझे यकीन होता है हां..! सचमुच ये सुनहरी चिड़िया मेरी मोहब्बत में फंस गई है, कहीं तेरे सुनहरे रंग पे कोई ओर कायल ना हो जाए इसी डर से मैं रोज़ तेरे बदन को नोंच कर खरोंचता रहता हूं मेरी हर खरोंच के साथ तेरी खुबसूरती कम होती जायेगी और मैं तुझे पिंजरे से रिहा कर दूंगा जब तू बदसूरत हो जायेगी।। _देश कुमार ___---___ Tu ek mast magan sunhari chidiya thi Jise aasman ki saaton tah ke upr udne ki chah thi Aur mai ek aisa zahil gwar shaksh hu Jisne tujhe pakad ke pinjre me dal diya hai Aur us par mohabbat ka tala lga diya hai Maine kitni hi baar tujhe pinjre se udn

Tumhari khushbu | Desh Kumar |

Ye Jo hwa tumhe chhukar gujarti thi Mai inhe rishwat dekr inse tumhari khushbu chura leta tha Or le jakr apne kmre jodta rhta tha bs isi khwahish me ki jub tum mere kmre me aaogi to yha ki udasi tumhe bore na kr de Lekin ab ye khushbu kisi ghutan ki tarha lgne lg gyi hai Har raat tumhari khusbhu mere kamre me jalti mombatti ki low me jalkar raakh ho rhi hai or ye raakh meri sanso me jamti jaa rhi hai jiske wajah se har khansi ke sath ab khoon aane lga hai Ye wo khoon hai jisme tumari khushbu smaa chuki thi Or ab mera shreer ise bahar fekne ki jattho jahat me lga hai

Socha Na Karenge | Desh Kumar |

Meri fikar use bhi raat bhar jgati hogi Bs ab yeh sb socha na krenge.. Ye dil dhadakna thodi chhor dega Agar us ek shaksh ki tamanna na krenge.. Dil se zazbat alag kar diye hmne bhi Uski tarha ab mohabbat ka  dikhava na krenge.. Be-sabab hi us se bichhad rhe hai Is dfaa koi wada na krenge.. Ek sabak us se hme yeh bhi mila Is janam to hum wfa na krenge.. Uska chehra hi kyu dikhta hai bar bar Palak tak bhi ab jhapka na krenge.. Uski be-rookhi beshak chubhti ho hme Pr us se ab koi shikayat na krenge.. Tum khud hi baat na kiya kro hmse Kyuki hum jo be-wfa hue, baat na krenge.. Boht ho chuka ye ishk-e-fareb Bas kro, nhi to hum ab Lihaaj na krenge.. -Desh Kumar

Wo Dekhti Thi | Desh Kumar |

बहाने से किसी तरह पलटकर जैसे वो देखती थी, मैं सारा दिन कभी उसे देखता या उसको जिसे वो देखती थी। उसके आशिक़ ने उसपे कोई तिलस्म किया था मानो मेरे करीब से गुजरते वक़्त नज़रें झुका के वो देखती थी। मेरे नाखून मेरे सीने को खुद ब खुद खरोंचने लगते जब मेरे सामने किसी की आंखों में आंखें डाल के वो देखती थी। मैंने उसके ख़्वाब में जाकर देखा, तो देखा! कि एक शख़्स है जिसे छलनी से वो देखती थी। मेरा इजहार उसके चेहरे के सब हाव भाव खा गया वरना जब भी मिलती थी तो मुस्कुराके वो देखती थी। ना जाने कैसा जादू था उसके आँख के सुरमे में सुबह सूरज भी तब निकलता था जब खिड़की खोलके वो देखती थी। _देश कुमार ____+++____ Bahane se kisi tarah palatkar jaise wo dekhti thi Mai sara din kbhi use dekhta ya usko jise wo dekhti thi.. Uske Aashiq ne uspe koi tilsam kiya tha mano Mere qareeb se gujarate waqt nazre jhukake wo delhti thi.. Mere nakhun mere seene ko khud b khud kharochne lgte the Jub mere samne kisi ki aankho me aankh dalke wo dekhti thi.. Maine uske khwab me jakar dekha to dekha Ki ek shakhs

Wo Chand Hai | Desh Kumar |

वो चांद है उसकी ख्वाइश लाखों करते हैं मुझपे जितनी चांदनी गिरती है मुझे अपने हिस्से की वो चांदनी अच्छी लगती है, उसकी अलमारी में रखी दर्जनों ड्रेसेस रोज़ एक ही तमन्ना करती हैं कि आज Dress Select करते वक़्त उसकी उंगली मूझपे ही आकर रुके ताकि वो सारा दिन उसके बदन से लिपट कर उसकी खुशबू को चुरा सकें, उसकी Heels उसकी चप्पलों से अक्सर ऐसी बातें करती हैं कि काश मैं उसके पैरों से तब तक गले लगी रहूं जबतक टूट ना जाऊं, खुद पसंदगी के कारण उसके बाल बार बार उसके माथे पे गिरते हैं बस इसी ख्वाहिश में कि उसका हाथ उन्हें छूकर बार बार कान पर टिकाता रहे, उसकी पानी की बोतल पर बने लिपस्टिक के निशान हर घूंट में ये कोशिश करते हैं कि फिर से उसके होंठो पे चिपक जाएं, ऑफिस की दीवारें भी सारा दिन इसी जत्थोजहत में लगी रहती हैं कि उसकी सांसों से निकली गरमी को ज्यादा से ज्यादा खुद में समा सकें ताकि छुट्टी के बाद ये गरमी उन्हें उसकी मौजूदगी का अहसास दिलाती रहे और बस किसी तरह रात कट जाए, कल उसके ऑफिस से जाने के बाद जब मैं उसकी कुर्सी पे जाकर बैठा तो सामने उसका Mouse और Keyboard इस बात पर जीने

Pasand Karta Hu | Desh Kumar |

नाश्ते में अंडा और पानी ठंडा पसंद करता हूं, जो हर बात में सिर्फ हां ना करे वो बन्दा पसंद करता हूं। उछाल के कीचड़ जो तुम हंस रहे हो तुम्हे नहीं मालूम मैं लिबास गन्दा पसंद करता हूं। ज़रा सा पैसा भी मेरी आवाज़ में बोलने ना लग जाए इसलिए भी मैं काम में मंदा पसंद करता हूं। तुम्हें महंगे होटलों के छप्पन भोग भाते होंगे मैं तो चांदी की थाली में भी चार रोटी एक सब्जी और आधा कांदा पसंद करता हूं। वो जितनी बार मांगने आते हैं मैं हर बार मना कर देता हूं अगर मंदिर का भिखारी नंगा ना मिले तो रोज़ का भी देना चंदा पसंद करता हूं। अगर मुझको दूर जाने से रोकती है ये गले की रस्सी तो सच बताऊं तो मैं रिश्तों का ये फंदा पसंद करता हूं। मेरे सामने तो तेरी घर से दूर जाने की बहस ही गलत है मैं तो अभी तक मां के हाथ से बना आटे का मामा चन्दा पसंद करता हूं। खुद ही निकल आतें हैं उसको देख कर मेरे आंसू भी जान गए मैं कोन सा कंधा पसंद करता हूं। तू मुझे मत बता की उसे मेरा प्यार नहीं दिखता हां...! वो शक़्स अंधा है और मैं वो अंधा पसंद करता हूं।। _देश कुमार ____++++____ Nashte me anda or pani th

Tere Us Aashiq Ka Kya Hua | Desh Kumar |

मंज़िल इतनी हसीन है तो रास्ता क्या होगा, सफर में हर कोई उसका दीवाना मिलता होगा, हम जो तुमको पाने का सोचते रहते हैं अगर तुमको पा लिया तो क्या होगा? सुना है तुमने किसी से दिल लगाया है और वो पागल इसे इश्क़ समझता होगा, ये जो उसका नाम लेकर बातें बनाते हैं बेहतर है खुद सुधर जायें तो अच्छा होगा, सालों बाद आज मेरा हाल पूछने आया है मेरा ये दोस्त कल जरूर तुमसे मिला होगा, पूछती है सहेलियां "तेरे उस आशिक़ का क्या हुआ?" वो...!  वो तो बोहोत पागल था अबतक मर चुका होगा, शाम के बाद आखिर कितना इंतजार करता वो चूजा चहचाकर भूखा ही सो गया होगा, बच्चों के लिए नये कपड़े खरीद के लाया है आज वो खुद अपनी पैन्ट रफू करवा कर आया होगा, तुम्हारे गांव में से कल एक शक्स को निकाल दिया देश? मुझको तो मालूम नहीं पर जरूर कोई बूढ़ा होगा।। _देश कुमार ___---___ Manzil itni haseen hai to rasta kya hoga Safar me har koi uska diwana milta hoga.. Hum jo tumko pane ksbsochte rhte hai Agar tumko pa liya to kya hoga?.. Suna hai tumne kisi se dil lgaya hai Aur wo pagal ise ishq samjhta hoga.. Ye jo tu

Usko Meri Yaad To Aati Hogi | Desh Kumar |

उसको मेरी याद तो आती होगी मेरी याद में फिर कुछ गुनगुनाती होती, थोड़ा खुद को थोड़ा मुझको कोस कर तकिये से लिपट कर सो जाती होगी, ख़्वाब में मुझसे मिलने का वक़्त लेकर सुबह सुबह जल्दी उठ जाती होगी, मेरे ख्यालों को दिल से हटाने के लिए मम्मी के हर काम में हाथ बंटाती होगी, मां तो मां है जान लेती है सब कुछ बेशक वो झूठा बहाना बनाती होगी, ज़िन्दगी की डोर हमारे हाथ में नहीं उसकी मम्मी उसे प्यार से समझाती होगी, रिश्ते भी आते होंगे उसको बोहोत हर एक की तस्वीर में मेरी शक्लें बनाती होगी, नज़रें बचाकर मेरे ख़्वाब में आकर बैठकर निहार कर चूमकर चली जाती होगी, एक तरफ तू मरने की बात करता है देश एक तरफ वो तेरी उम्र बढ़ाती होगी।। _देश कुमार ___++___ Usko meri yaad to aati hogi Meri yaad me fir kuch gungunati hogi.. Thoda khud ko thoda mujhko kos kr Takiye se lipat kr so jati hogi.. Khwab me mujhse milne ka waqt lekar Subha Subha jaldi uth jati hogi.. Mere khyalo ko dil se hatane ke liye Mummy ke har kaam me hath btati hogi.. Maa to maa hai jan leti hai sb kuch Beshak wo jo

Ek Umar Tere Bina Guzari Gyi | Desh Kumar |

लड़खड़ा रहा हूं इसलिए घर पहुंच जाऊंगा मैं अगर ज़रा सा भी संभला तो गिर जाऊंगा मैं। मेरे दोस्त अक्सर तेरा नाम पूछते हैं अगली बार तो जोर जोर से चिल्लाऊंगा मैं।। एक उम्र तेरे बिना गुजारी गई हर जन्म ये सबको बताऊंगा मैं।। तेरा मेरा शायद किसी और जन्म का साथ ठहरा इस जन्म बस किसी तरह से गुजर जाऊंगा मैं।। जाने किसके साथ मेरी ज़िन्दगी को बांधा जायेगा जाने किसकी शक्ल में तेरी शक्लें बनाऊंगा मैं।। मुझको एक डोर में समेटने की कोशिश मत करना तुम हल्का सा कसोगी फिर से बिखर जाऊंगा मैं। अब तो ये तय करके सोने लगा हूं अगर सपने में तुम आयी तो उठ जाऊंगा मैं। अब जो रेगिस्तान से बच के ज़िन्दा निकला हूं हर प्यासे को पानी पिलाऊंगा मैं। तू भी कब तक ज़िन्दा रहेगी मुझमें एक ना एक दिन तो आखिर मर जाऊंगा मैं। कुछ लोग तो तारीफ भी करेंगे 'देश' कल जब उनको अपना दर्द सुनाऊंगा मैं। _देश कुमार ___---___ . Ladkhada rha hu isiliye ghar pahunch jaunga mai Agar zra sa bhi sambhla to gir jaunga mai.. Mere dost aksar tera naam puchhte hai Agli bar to zor zor se chillaunga mai.. Ek umar tere bina

Kuch Is Had Tak Tum Chahana Mujhe | Desh Kumar |

तेरी जुल्फों की गुदगुदी से तुम जगाना मुझे हर सुबह इसी तरह से तुम सताना मुझे। कोन सा रंग जचता है मुझ पर मेरी शर्ट का रंग तुम बताना मुझे। मैं अक्सर भूल जाऊं अपनी चीजों की जगह डांट कर हर बार याद तुम दिलाना मुझे। अगर कभी रूठा करूं मैं तुमसे मेरे आंसुओ से पहले तुम मनाना मुझे। अगर हार जाऊं मैं ज़िन्दगी का कोई पहर कस के अपने सीने में तुम छिपाना मुझे। बिना तोहफे के लोट आऊँ अगर शाम को घर मुंह फुलाकर अपना गुस्सा तुम दिखाना मुझे। थक कर गिरू हर शाम तेरी बांहों में आकर दिनभर की अपनी कहानियों से तुम सुलाना मुझे। मैं खुद से भी ज्यादा तुमको चाहूंगा कुछ इसी हद तक तुम चाहना मुझे।। _देश कुमार _____----_____ Teri zulfon ki gudgudi se tum jgana mujhe Har subha isi tarah se tum satana mujhe.. Kon sa rang jachta hai mujh par Meri shirt ka rang tum batana mujhe.. Mai aksar bhul jau apni chijon ki jagah Daant  kar har bar yaad tum dilana mujhe.. Agar kabhi rootha kru mai tumse Mere aansuon se pahle tum mnana mujhe.. Agar haar jau mai zindgi ka koi pahar Kas ke apne seene me tum chhip

Tum Mera Ghum Na Mnaya kro | Desh Kumar |

तुम मेरा गम ना मनाया करो, जाने किस किस के दिल दुखाऐ है मैंने।। मेरे आंसुओं पे मत करो विश्वास, सब के सब बहाने बनाऐ  है मैंने।। मेरे कहने पे खुद को ना आजमाना तुम जाने कहां कहां दिल लगाए हैं मैंने।। अब तो जल्दी किसी पे भरोसा नहीं आता अपने करीबी सब आजमाएं हैं मैंने।। थोड़े से इंतजार में बेचैन हो जाता हूं मै महीने और साल इंतजार के बिताऐ हैं मैंने।। तुम मेरा ख़्वाब हो बोला होगा मैंने जाने कितने बेहतरीन ख़्वाब जलाए हैं मैने।। मेरा दिल दिखने में अच्छा नहीं लगता क्योंकि टूट गया था तो टांके लगाए हैं मैने।। तेरा देश कोई शायर नहीं है दूसरों के शेर चुराए है मैंने।। _देश कुमार ___----___ Tum mera ghum na manaya kro Jane kis kis ke dil dukhaye hai maine... Mere aansuon pe mat kro vishwas Sab ke sab bahanen bnaye hai maine.. Mere kahne pe khud ko na aajmana tum Jane kaha kaha dil lgaye hai maine.. Ab to jaldi kisi pe bharosa nhi aata Apne kareebi sb aajmaye hai maine.. Thode se intezar me bechain ho jata hun mai mahine or saal intzar ke bitaye hai maine.. Tum mera khwab ho

Tum Mujhse Baat Kyu Nhi Karte | Desh Kumar |

(तुम मुझसे बात क्यों नहीं करते?) "अब तुम्हारी आदत ही नहीं रही।" (हर वक़्त तुम्हारे ख़्वाबों में तो मै ही आती थी!!) "हां पर अब वो नींद भी नहीं रही।" (तुम मुझको भूलने का ये नाटक क्यों करते हो?) "पर तुमसे कोई बात कभी छिपी नहीं रही।" (कोई और मिली या मेरी यादों मे ही जी रहे हो?) "Try तो बोहत कर रहे हैं तुम जैसी मिल ही नहीं रही।" (तुम चाहो तो हम दोनों अच्छे Friends बन सकते हैं!!) "रहने दो आज तक कभी Friends की कमी नहीं रही।" (ये सच्चा प्यार-व्यार ना कुछ नहीं होता!!) "फिर तो अच्छा हुआ जो तुम नसीब में ही नहीं रही।" (मैं तो यही चाहती हूं कि तू हमेशा खुश रहे बस!) "खुश तो हूं मैं बस कोई खुशी नहीं रही।" -देश कुमार _____----_____ T um mujhse baat kyu nhi karte Ab Tumhari aadat hi nhi rahi Har waqt tumahre khwabo me to mai hi aati thi Hann pr ab wo neend bhi nhi rahi Tum mujhko bhulne ka ye natak kyu karte ho Pr tumse koi baat kabhi chhipi nhi rahi Koi or mili ya meri yaado me hi ji rhe ho Try to bohat kr rhe