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Badan Par Pakke Nishan | Desh Kumar | Ek Shayar |

तेरी जुल्फों की छांव में मैं बहक रहा हूं, कुछ देर और ऐसे रहा तो होश खो जाऊंगा, तुझे चूमने की हवस में मैं तेरे होंठ भी खा जाऊंगा। मुझे रोका कर जब जब मैं नशे में होता हूं, ज़ाहिल गवार की तरह जब जब तुझे छूता हूं, इस प्यार की निशानी के चक्कर में तेरे बदन पर पक्के निशान दे जाऊंगा। तुझे चूमने की हवस में मैं तेरे होंठ भी खा जाऊंगा।। छोड़ दे मुझे की इससे पहले आदत मेरी लग जाए, मेरे जैसे के लिए कभी जवानी तेरी चली जाए, जाने आने वाला वक्त क्या सितम लेकर आए, क्या पता कब तुम्हे कोई और मांग ले क्या पता कब मैं मर जाऊंगा। इस प्यार की निशानी के चक्कर में तेरे बदन पर पक्के निशान दे जाऊंगा।। तेरी किस्मत में उस ने लिखा कुछ अच्छा है, मुझ जैसे से तो बिछड़ जाना ही अच्छा है, उस दिन शायद मेरा मर जाना ही अच्छा है, जब तुम्हें लगे मैं किसी और का हो जाऊंगा। इस प्यार की निशानी के चक्कर में तेरे बदन पर पक्के निशान दे जाऊंगा।। -देश कुमार ___+++___ Teri julfon ki chhaon me mai bahak rha hu Kuch der aur aise raha to hosh kho jaunga Tujhe chumane ki hawas me Mai tere honth bhi kha jaunga... Mujhe roka kar jub jub mai nas