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Showing posts from 2021

Badan Par Pakke Nishan | Desh Kumar | Ek Shayar |

तेरी जुल्फों की छांव में मैं बहक रहा हूं, कुछ देर और ऐसे रहा तो होश खो जाऊंगा, तुझे चूमने की हवस में मैं तेरे होंठ भी खा जाऊंगा। मुझे रोका कर जब जब मैं नशे में होता हूं, ज़ाहिल गवार की तरह जब जब तुझे छूता हूं, इस प्यार की निशानी के चक्कर में तेरे बदन पर पक्के निशान दे जाऊंगा। तुझे चूमने की हवस में मैं तेरे होंठ भी खा जाऊंगा।। छोड़ दे मुझे की इससे पहले आदत मेरी लग जाए, मेरे जैसे के लिए कभी जवानी तेरी चली जाए, जाने आने वाला वक्त क्या सितम लेकर आए, क्या पता कब तुम्हे कोई और मांग ले क्या पता कब मैं मर जाऊंगा। इस प्यार की निशानी के चक्कर में तेरे बदन पर पक्के निशान दे जाऊंगा।। तेरी किस्मत में उस ने लिखा कुछ अच्छा है, मुझ जैसे से तो बिछड़ जाना ही अच्छा है, उस दिन शायद मेरा मर जाना ही अच्छा है, जब तुम्हें लगे मैं किसी और का हो जाऊंगा। इस प्यार की निशानी के चक्कर में तेरे बदन पर पक्के निशान दे जाऊंगा।। -देश कुमार ___+++___ Teri julfon ki chhaon me mai bahak rha hu Kuch der aur aise raha to hosh kho jaunga Tujhe chumane ki hawas me Mai tere honth bhi kha jaunga... Mujhe roka kar jub jub mai nas

Talluk Nahi Hai Kuch | Desh Kumar | Ek Shayar |

ताल्लुक नहीं है कुछ सो दोनों में खौफ है, उसे ये की कहीं इजहार ना करदे, मुझे ये की कहीं इनकार ना करदे।

Chashme Lagane Wali Ladki | Desh Kumar | Ek Shayar |

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चुटकियों में सूरज को पकड़ने वाली लड़की, तितलियों से दोस्ती करने वाली लड़की ... पहाड़ झरने बर्फ की वादियों वाला उसका शहर, और.. मुझे पसंद आई वहां रहने वाली लड़की ... डरी डरी सहमी सी, हां में हां मिलाती हो..! ऐसी नहीं..  मुझको चाहिए मुझ पर चिल्लाने वाली लड़की..  "एक मिनट में पहचान लेती हूं मेरी नजर बहुत तेज है",  मुझसे कहती है वो चश्मे लगाने वाली लड़की... -देश कुमार Chutkiyon me suraj ko pakadne wali ladki Titliyon se dosti krne wali ladki Ek mint me pahchan leti hun meri najar bohot tez hai Mujhse kahti hai wo chashme lagane wali ladki Pahad, jharne, barf ki wadiyon wala uska shahar Aur mujhe pasand aayi wha rahane wali ladki Dari dari sahmi si hann me hann milati ho, aisi nhi Mujhko chahiye mujhpe chillane wali ladki -Desh Kumar

Tera Khyali Putla | Desh Kumar | Ek Shayar |

आज अकेला बैठा था तो सोचा तेरा ख्याली पुतला संवार लूं, जो तेरी तस्वीर बैठ गई थी मन में उसको थोड़ा और धुंधली कर दूं क्या? सात साल पुराना ख्याल बेचारा अब इसकी उम्र भी पच्चीस कर दूं क्या? बता कोई नया ज़ख्म आया क्या? गाल से वो पिम्प्ल निकल गया क्या? बाल बंधे हैं इनको खोल देता हूं Nose Pin को आज हटा देता हूं दिल में एक घाव नया कर दूं क्या? प्यार में एक नाम नया भर दूं क्या? आंखो में ऑफिस का Crush भर दिया Profile को Private से Public कर दिया किस किस की चैटिंग डिलीट करूं? किस किस को बता मैं Block करूं? पुरानी DP को तेरी Update कर दूं क्या? सोने की Timing भी Late कर दूं क्या? थोड़ी शरम भी कम कर दी मुस्कुरा के बोलना बढ़ा दिया तेरी खुशबू को बदन से कम करके गैर का पसीना बढ़ा दिया दिल से मेरा छोटा सा हिस्सा निकाल के तेरे दिमाग में रख दूं क्या? अपनी खुशी के वास्ते तेरे ख्याल में मेरा एक ख्याल रख दूं क्या? फिर इसी ख्याली पुतले से बात होगी जब भी तेरा नाम आयेगा, तुझसे रूठना हो या तुझे मनाना हो ये ख्याल मेरे बहोत काम आयेगा। देश कुमार Aaj akela baitha tha to Socha tera khyali putla swaar lun Jo ek tasveer