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Showing posts from June, 2019

Ek Umar Tere Bina Guzari Gyi | Desh Kumar |

लड़खड़ा रहा हूं इसलिए घर पहुंच जाऊंगा मैं अगर ज़रा सा भी संभला तो गिर जाऊंगा मैं। मेरे दोस्त अक्सर तेरा नाम पूछते हैं अगली बार तो जोर जोर से चिल्लाऊंगा मैं।। एक उम्र तेरे बिना गुजारी गई हर जन्म ये सबको बताऊंगा मैं।। तेरा मेरा शायद किसी और जन्म का साथ ठहरा इस जन्म बस किसी तरह से गुजर जाऊंगा मैं।। जाने किसके साथ मेरी ज़िन्दगी को बांधा जायेगा जाने किसकी शक्ल में तेरी शक्लें बनाऊंगा मैं।। मुझको एक डोर में समेटने की कोशिश मत करना तुम हल्का सा कसोगी फिर से बिखर जाऊंगा मैं। अब तो ये तय करके सोने लगा हूं अगर सपने में तुम आयी तो उठ जाऊंगा मैं। अब जो रेगिस्तान से बच के ज़िन्दा निकला हूं हर प्यासे को पानी पिलाऊंगा मैं। तू भी कब तक ज़िन्दा रहेगी मुझमें एक ना एक दिन तो आखिर मर जाऊंगा मैं। कुछ लोग तो तारीफ भी करेंगे 'देश' कल जब उनको अपना दर्द सुनाऊंगा मैं। _देश कुमार ___---___ . Ladkhada rha hu isiliye ghar pahunch jaunga mai Agar zra sa bhi sambhla to gir jaunga mai.. Mere dost aksar tera naam puchhte hai Agli bar to zor zor se chillaunga mai.. Ek umar tere bina

Kuch Is Had Tak Tum Chahana Mujhe | Desh Kumar |

तेरी जुल्फों की गुदगुदी से तुम जगाना मुझे हर सुबह इसी तरह से तुम सताना मुझे। कोन सा रंग जचता है मुझ पर मेरी शर्ट का रंग तुम बताना मुझे। मैं अक्सर भूल जाऊं अपनी चीजों की जगह डांट कर हर बार याद तुम दिलाना मुझे। अगर कभी रूठा करूं मैं तुमसे मेरे आंसुओ से पहले तुम मनाना मुझे। अगर हार जाऊं मैं ज़िन्दगी का कोई पहर कस के अपने सीने में तुम छिपाना मुझे। बिना तोहफे के लोट आऊँ अगर शाम को घर मुंह फुलाकर अपना गुस्सा तुम दिखाना मुझे। थक कर गिरू हर शाम तेरी बांहों में आकर दिनभर की अपनी कहानियों से तुम सुलाना मुझे। मैं खुद से भी ज्यादा तुमको चाहूंगा कुछ इसी हद तक तुम चाहना मुझे।। _देश कुमार _____----_____ Teri zulfon ki gudgudi se tum jgana mujhe Har subha isi tarah se tum satana mujhe.. Kon sa rang jachta hai mujh par Meri shirt ka rang tum batana mujhe.. Mai aksar bhul jau apni chijon ki jagah Daant  kar har bar yaad tum dilana mujhe.. Agar kabhi rootha kru mai tumse Mere aansuon se pahle tum mnana mujhe.. Agar haar jau mai zindgi ka koi pahar Kas ke apne seene me tum chhip

Tum Mera Ghum Na Mnaya kro | Desh Kumar |

तुम मेरा गम ना मनाया करो, जाने किस किस के दिल दुखाऐ है मैंने।। मेरे आंसुओं पे मत करो विश्वास, सब के सब बहाने बनाऐ  है मैंने।। मेरे कहने पे खुद को ना आजमाना तुम जाने कहां कहां दिल लगाए हैं मैंने।। अब तो जल्दी किसी पे भरोसा नहीं आता अपने करीबी सब आजमाएं हैं मैंने।। थोड़े से इंतजार में बेचैन हो जाता हूं मै महीने और साल इंतजार के बिताऐ हैं मैंने।। तुम मेरा ख़्वाब हो बोला होगा मैंने जाने कितने बेहतरीन ख़्वाब जलाए हैं मैने।। मेरा दिल दिखने में अच्छा नहीं लगता क्योंकि टूट गया था तो टांके लगाए हैं मैने।। तेरा देश कोई शायर नहीं है दूसरों के शेर चुराए है मैंने।। _देश कुमार ___----___ Tum mera ghum na manaya kro Jane kis kis ke dil dukhaye hai maine... Mere aansuon pe mat kro vishwas Sab ke sab bahanen bnaye hai maine.. Mere kahne pe khud ko na aajmana tum Jane kaha kaha dil lgaye hai maine.. Ab to jaldi kisi pe bharosa nhi aata Apne kareebi sb aajmaye hai maine.. Thode se intezar me bechain ho jata hun mai mahine or saal intzar ke bitaye hai maine.. Tum mera khwab ho