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Kya Ho Agar | Desh Kumar | Ek Shayar |

क्या हो अगर मैं तेरी बातों मे आ जाऊं करके हिम्मत आखिर तुझ से मिलने आ जाऊं, सामने से नमस्ते करने में दस बार सोचूँ  फोन पर भले ही तेरे कान खा जाऊं, बातें ऐसी की तुझे शर्म से लाल कर दूं मिलकर भला चाहे खुद शरमा जाऊं, शर्म इतनी कि तुझे आंख उठा कर ना देखूं  मन में ख्याल कि तेरे होंठ तक चबा जाऊं, फिर एक मुलाकात तुझे चूमे बिना निकल गई फिर घर तक यही माख्ता करता जाऊं। देश कुमार

Shadi Kar Li Apne | Desh Kumar | Ek Shayar |

Shadi kar li aap ne aur bataye tak nhi Bas ek aakhiri bar milne aaye tak nhi Mera naam sunke nazre jhuka lene Wale  Shadi baad Samne aaye sharmaye tak nhi Ponchhne wala koi gair tha Shayad Isliye mere naam k aansu aaye tak nhi Hazaar bar rehersal kiya hoga shayad "Kbhi nhi milenge" me honth kampkapaye tak nhi Desh Kumar

Usey Khabar Hi Nhi Hai | Desh Kumar | Ek Shayar |

उसे खबर ही नहीं है कि कितने ही लोग उसे दिल से लगाके बैठे हैं उसकी कही बातों को सोच सोच मुस्कुरा रहे हैं आईने मे देख के दोरहा रहे हैं रात रात भर सो नहीं पा रहे हैं उसे खबर ही नहीं है कि उसका ख्याल आने पे देर रात को उसकी पसंद की ब्लैक शर्ट पहनकर उससे मिलने की रिहर्सल हो रही है और वो इन सबसे बेखबर  अपने कमरे में सो रही है। देश कुमार Use khabar hi nahi hai ki Kitne hi log use dil se lgake baithe hai Uski kahi baaton ko soch soch muskura rahe rahe hai Aaine me dekh ke dohra rhe hai Raat raat bhar so nhi pa rhe hai Use khabar hi nahi hai ki Uska khyal aane pe der raat ko Uski pasand ki black shirt pahankar Usse milne ki rehearsal ho Rahi hai Aur wo in sbse bekhabar apne kamre me so rahi hai Desh Kumar 

Uska Green Suit | Desh Kumar| Ek Shayar |

उसकी DP का जो सूट हरा है, उसने दिल पे ऐसा जादू करा है। इस हद तक वो मुझमें आया है, आंखो आंखो तक पानी भरा है। उससे हो कर के नाराज मैने, हमेशा खुद से ही गुस्सा करा है। उसका दिया गुलाब तो सूख गया, उसका दिया ज़ख्म हरा है।। देश कुमार

Badan Par Pakke Nishan | Desh Kumar | Ek Shayar |

तेरी जुल्फों की छांव में मैं बहक रहा हूं, कुछ देर और ऐसे रहा तो होश खो जाऊंगा, तुझे चूमने की हवस में मैं तेरे होंठ भी खा जाऊंगा। मुझे रोका कर जब जब मैं नशे में होता हूं, ज़ाहिल गवार की तरह जब जब तुझे छूता हूं, इस प्यार की निशानी के चक्कर में तेरे बदन पर पक्के निशान दे जाऊंगा। तुझे चूमने की हवस में मैं तेरे होंठ भी खा जाऊंगा।। छोड़ दे मुझे की इससे पहले आदत मेरी लग जाए, मेरे जैसे के लिए कभी जवानी तेरी चली जाए, जाने आने वाला वक्त क्या सितम लेकर आए, क्या पता कब तुम्हे कोई और मांग ले क्या पता कब मैं मर जाऊंगा। इस प्यार की निशानी के चक्कर में तेरे बदन पर पक्के निशान दे जाऊंगा।। तेरी किस्मत में उस ने लिखा कुछ अच्छा है, मुझ जैसे से तो बिछड़ जाना ही अच्छा है, उस दिन शायद मेरा मर जाना ही अच्छा है, जब तुम्हें लगे मैं किसी और का हो जाऊंगा। इस प्यार की निशानी के चक्कर में तेरे बदन पर पक्के निशान दे जाऊंगा।। -देश कुमार ___+++___ Teri julfon ki chhaon me mai bahak rha hu Kuch der aur aise raha to hosh kho jaunga Tujhe chumane ki hawas me Mai tere honth bhi kha jaunga... Mujhe roka kar jub jub mai nas

Talluk Nahi Hai Kuch | Desh Kumar | Ek Shayar |

ताल्लुक नहीं है कुछ सो दोनों में खौफ है, उसे ये की कहीं इजहार ना करदे, मुझे ये की कहीं इनकार ना करदे।

Chashme Lagane Wali Ladki | Desh Kumar | Ek Shayar |

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चुटकियों में सूरज को पकड़ने वाली लड़की, तितलियों से दोस्ती करने वाली लड़की ... पहाड़ झरने बर्फ की वादियों वाला उसका शहर, और.. मुझे पसंद आई वहां रहने वाली लड़की ... डरी डरी सहमी सी, हां में हां मिलाती हो..! ऐसी नहीं..  मुझको चाहिए मुझ पर चिल्लाने वाली लड़की..  "एक मिनट में पहचान लेती हूं मेरी नजर बहुत तेज है",  मुझसे कहती है वो चश्मे लगाने वाली लड़की... -देश कुमार Chutkiyon me suraj ko pakadne wali ladki Titliyon se dosti krne wali ladki Ek mint me pahchan leti hun meri najar bohot tez hai Mujhse kahti hai wo chashme lagane wali ladki Pahad, jharne, barf ki wadiyon wala uska shahar Aur mujhe pasand aayi wha rahane wali ladki Dari dari sahmi si hann me hann milati ho, aisi nhi Mujhko chahiye mujhpe chillane wali ladki -Desh Kumar