Kya Ho Agar | Desh Kumar | Ek Shayar |
क्या हो अगर मैं तेरी बातों मे आ जाऊं करके हिम्मत आखिर तुझ से मिलने आ जाऊं, सामने से नमस्ते करने में दस बार सोचूँ फोन पर भले ही तेरे कान खा जाऊं, बातें ऐसी की तुझे शर्म से लाल कर दूं मिलकर भला चाहे खुद शरमा जाऊं, शर्म इतनी कि तुझे आंख उठा कर ना देखूं मन में ख्याल कि तेरे होंठ तक चबा जाऊं, फिर एक मुलाकात तुझे चूमे बिना निकल गई फिर घर तक यही माख्ता करता जाऊं। देश कुमार